मां का आँचल सुख का आँगन
मां की लोरी सुख की सरगम
मां का हँसना प्रथम उल्लास
माँ की गोद मे मेरा मधुमास।।
तुम हो मां मेरा मन मंदिर
तुमसे ही मिला मुझको जीवन
बार बार तेरी ही कोख से
लूं इस दुनिया में जनम।।
तुमने पहला कदम सिखाया
उंगली थाम बढ़ना सिखलाया
चलते चलते जब भी गिरी में
तूने बाहों में है झुलाया।।
माँ का आँचल…..
मेनें भगवान को कब देखा
जब जब देखा तुझमें देखा
मेरा धर्म भी तुम ईमान भी तुम
ईश्वर से भी बड़ी प्रार्थना हो तुम।।
मां का आँचल…..
सुख ही सुख तूने सदा दिया
दुःख को तूने पर किया
जीवन भर की पूंजी को
तूने बच्चों पर है बार दिया।।।
मां का आँचल …..
अपने दुखों को छिपा छिपाकर
जाने कैसे तुम हंस लेती हो
अपने दर्द को भुला
नित नए सुख हंमे देती हो
ऐसी हो मां वसुधा की तुम
तुमपर यह जीवन बलिदान।।
माँ का आँचल……
डॉ बसुन्धरा उपाध्याय
सुरत