Poems in English, Nepali, and Hindi by Ahamad Sahil
1. Nothingness
I was seeking a line
In between
Bunch of irrelevant thoughts
The gaze;
Glance of nothingness.
That’s all, I can consider
Regarding state of existence
So far.
By the time
I discovered myself
Into me.
— Ahamad sahil
2. “अवैध कविता”
आवश्यक विषयको खोजीमा छु
एक विचार आयो!
उचित लागेन
फेरि मस्तिष्क भित्रै टाढा फालिदिए
तिर्खाएका भावहरू आईपुगे
दया गरिन मैले
प्रस्थान गरिदिए पूर्ण
त्यही बन्जर हृदय माथि
घटना,दुर्घटनाहरू आए
समसामयिक परिस्थितिहरू आए
केही सान्दर्भिक लागेन मलाई
तर्क-वितर्कको हुरी आयो
छरपस्ट कैयौं सिद्धान्तहरू
संस्मरणहरू आए मानसपटलमा
लेख्न सकिने कथावस्तु आउँदा
तुरून्तै उतार्न सकिन्थ्यो
सहर्ष नै त्यागिदिए
बिम्ब,प्रतिबिम्ब प्रति लोभ राखिन मैले
केहिबेर एकोहोरिए पश्चात्
अचानक झस्किएँ र सम्झें !
मलाई कविता लेख्नु थियो ।
– अहमद साहिल
3.(हिंदी कविता)
खिड़की की बग़ल वाली छोर से
अर्ध आँख से तक रही थी
अपनी मृत्यु
मट-मैले कपड़े
जर्जर जोबन,
नंगी नज़रों से देख रही थी
क्षणभंगुर जीवन की विराट अस्थियाँ
उसका दूसरा प्रेमी
चुंबन कर रहा था किसी तीसरी स्त्री को
सफ़हे उड़ रहे थें
महीन अक्षरों की,
जिनमे लिखे गए थे अंतिम दिनों की कविताएँ
देहत्याग करने के तत्क्षण,
रूबरू उसने ये सब देखी
और अधिक पीड़ा से कराहने लगी ।
— अहमद साहिल
Bio of the Poet: Ahamad Sahil is a poet from Nepal, currently living in Texas, USA. He is a multi-lingual poet. He has written poems in different languages. Such as: in Nepali, English, Hindi, Urdu, Maithili, Bhojpuri. His poems has been published in some regional & national newspapers and on online literary portals. He has studied BBA (bachelor of business administration) from Kathmandu, Nepal. He is working on to publish his first poetry book.
Comments are closed.