रम्बास् कविता:खल्लोपन

खल्लोपन

छी
कस्तो
जमाना
आएक‍ो यो,
मान्छे मान्छेमा
विश्वास बिनाक‍ो,
समानता  गुमेक‍ो
स्वार्थको बर्को ओडेर
असमान्ताको   पराकाष्ठा
उर्लिएको बाझो जमाना य‍ो।
संस्कार, संस्कृति, चिन्हारी
साइनो  सम्बन्ध,  प्रथा
अधिकार,  मर्यादा
संसारबाट  नै
मासिएक‍‍ो  झैं
उ रा ठि लो
जमाना
खल्ल‍‍ो
छी।

शिव नेउपाने
रुम्तेक सिक्किम

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