रम्बास कविता:समय

 

समय


प ल
अय न
गति मय
अवस्थामा  छु।
सर्ब   शक्ति मान
अत्यन्तै     मुल्य   वान
निरपेक्ष      सर्वदा       म ,
को  राजा  को प्रजा   चिन्दिनँ।
काल  र  अवसर  नाम  हो।
सफलताको    मुलमन्त्र
प्रगतिको  सिढी मै हुँ।
भेदभाव     विहीन
छैनन्  मित्र ,शत्रु
पुँजी  हु तिम्रो
विकासको।
हो श ले
हिँ ड
है!

हिरा शर्मा
बिश्वनाथ,असम।

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