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Poetry

एक अधूरी रात  हो, One Hindi Poem by Sankha Ranjan Patra 

एक अधूरी रात  हो   One Hindi Poem by Sankha Ranjan Patra  एक अधूरी रात हो तुम मेरे साथ हो समय शायद ठहर जाए एक अधूरी बात हो जो तुम्हारे ख्वाब हो ओ मेरे साथ हो समय शायद बोल जाए जो हमारे बीच हो। एक अधूरी रात हो तुम मेरे साथ हो दिल…
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तुम मेरे हो जाओ, One Hindi Poem by Sankha Ranjan Patra

तुम मेरे हो जाओ इतना क्या मजबूरी है तुमसे बात करना ज़रूरी है,  इतना क्या मजबूरी है तुमसे आँखें मिलाना ज़रूरी है, मेरे दिल में हाथ रखकर देखो धड़कन सब तुम्हारी है। मुझे तुमको देखना है तुम नदी की तरह  मुस्कुराओ  , मुझे तुमको…
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कविता: फरक यति हो by अभिराज खाती अन्जान, with its English Translation by Sushant Thapa

कविता           फरक यति  हो म जाहाज चडेर परदेश गएको मान्छे फर्किदा पनि जाहाज नै चडेर फर्किएको छु फरक यति मात्रै हो जादा सिटमा बसेर रमाइला दृश्यहरु हेर्दै मिठा मिठा खानेकुरा खादै  रमाइला गफ गर्दै। उज्ज्वल…
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