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Poetry

एक अधूरी रात  हो, One Hindi Poem by Sankha Ranjan Patra 

एक अधूरी रात  हो   One Hindi Poem by Sankha Ranjan Patra  एक अधूरी रात हो तुम मेरे साथ हो समय शायद ठहर जाए एक अधूरी बात हो जो तुम्हारे ख्वाब हो ओ मेरे साथ हो समय शायद बोल जाए जो हमारे बीच हो। एक अधूरी रात हो तुम मेरे साथ हो दिल…
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