रम्बास कविता:प्रेमजाल
प्रेमजाल
हे
प्रेम
पुजारी
आत्माहरू!
अनन्त काल
प्रेममा बितायौ।
कतै रमायौ खुबै
कतै सर्वश्व गुमायौ।
के दियौ …
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